रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में हाईकोर्ट से डॉ. रमन सिंह को भले राहत मिली हो, लेकिन नैतिकता का सवाल आज भी खड़ा हुआ है कि उन्होंने ऐसा क्या व्यवसाय किया जो संपत्ति 1 करोड़ रूपये की थी वो दस साल में 11 करोड़ रूपये हो गयी। यह सवाल आज भी खड़ा हुआ है कि दस साल तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कोई भी धंधा नहीं किया, कोई भी व्यवसाय नहीं किया, सारा समय आपने मुख्यमंत्री पद के निर्वहन में लगाया, तो उनकी संपत्ति 11 गुना कैसे बढ़ी? यह प्रदेश की जनता जानना चाहती है ये प्रदेश की जनता को यह फार्मुला बताना चाहिये ताकि लोग भी अपनी संपत्ति को दस साल में 11 गुना बढ़ा सके। नैतिकता के सवाल से तो डॉ. रमन सिंह नहीं बच सकते। तकनीकि आधार पे भले ही अदालत से उनको राहत मिल गयी है लेकिन नैतिकता का सवाल है राजनीति में सुचिता और नैतिकता सबसे बड़े होते है। उस मामले में आज भी रमन सिंह की तरफ उंगली उठी हुयी है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह के आय से अधिक संपत्ति के मामले में जो याचिका लगाई गई थी उसे तकनीकी पहलुओं के चलते न्यायालय ने खारिज किया है लेकिन रमन सिंह को न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में क्लीन चिट नहीं दिया है। 15 साल में रमन सरकार के दौरान जो 36 हजार करोड़ का नान घोटाला रमन सिंह के दमाद ने डीकेएस सरकारी अस्पताल को गिरवी रखा और अभिषेक सिंह का नाम पनामा में आया, विदेशी बैंक के खाते खोले गये, चिटफंड घोटाला से लेकर हर विभाग में घोटालो का हिसाब आज भी जनता मांग रही है। नान डायरी के नाम सीएम सर, सीएम मैडम ऐश्वर्या रेसीडेंसी वाली मैडम का जवाब आज भी जनता खोज रही है।