रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा की भूपेश सरकार की शिक्षा संबंधी नीतियाँ छत्तीसगढ़ के शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति लेकर आ रही है। छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार 15 साल रही मगर उस निकम्मी सरकार ने शिक्षा की ओर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया। भूपेश सरकार ने शुरू से ही शिक्षा को प्राथमिकता में रखा है और प्रदेश के बच्चों व युवाओं को उज्जवल भविष्य देने के लिए सरकार सतत प्रयासरत है। 15 साल के रमन सरकार में नक्सलवाद के कारण आदिवासी क्षेत्रों के 200 से अधिक स्कूल बंद हो गए थे जिन्हें वापस खुलवाने का काम भूपेश सरकार ने किया। अब आदिवासी क्षेत्र के बच्चे निडर होकर अपने ही गांव और कस्बे में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में 247 स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल और 32 स्वामी आत्मानंद शासकीय हिंदी माध्यम स्कूल सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं। इन स्कूलों में गरीब परिवारों के बच्चे निशुल्क गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इन स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता इस बात से प्रमाणित होती है कि इनमें प्रवेश के लिए होड़ लगी हुई है। आत्मानंद स्कूलों की सफलता को देखते हुए सरकार ने आगामी सत्र में 422 नए स्कूल प्रस्तावित किए हैं जिनमें से 252 स्कूल सरगुजा और बस्तर संभाग के आदिवासी क्षेत्रों में खोले जाएंगे। अगले सत्र से इसी तरह की निशुल्क उत्कृष्ट कॉलेज खोले जा रहे हैं। अगले सत्र से इन स्कूलों और कॉलेजों में संस्कृत की भी पढ़ाई होगी। सरकार ने प्रदेश में 5173 बाल बालवाड़ियों की शुरुआत की है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भूपेश सरकार ने पिछले 2 साल में 4 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज की स्थापना की है साथ ही एक नए निजी मेडिकल कॉलेज को अनुमति भी दी है जिसके कारण प्रदेश में एमबीबीएस की सीटें 1095 से बढ़कर 1820 हो गई हैं। भूपेश सरकार के इस कदम से जहां एक और प्रदेश में डॉक्टरों की संख्या बढ़ेगी वहीं दूसरी ओर प्रदेश की जनता को और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी। 15 साल के राज में रमन सरकार ने छत्तीसगढ़ के शिक्षा के ढांचे को ध्वस्त कर दिया था जिसे वापस संजोने का काम भूपेश सरकार कर रही है।