भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह से उनके कार्यालय नॉर्थ ब्लॉक,
नई दिल्ली में सौजन्य भेंट कर प्रदेश के सहकारिता संबंधी विभिन्न
विषयों पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री डॉ.
यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश
सहकारिता के क्षेत्र में उन्नति कर रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि गत दिवस राज्य
शासन द्वारा दुग्ध संघों के प्रबंधन और संचालन आगामी पांच वर्ष के लिए राष्ट्रीय डेयरी
विकास बोर्ड के माध्यम से किए जाने पर सहमति बनी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने
बताया कि इस समझौते से लगभग 11 हजार गांवों के पशुपालक और
दुग्ध-उत्पाद किसानों की आय में वृद्धि होगी। प्रदेश सरकार सहकारिता के क्षेत्र को
मजबूत करने की दिशा में इन 11 हजार गांवों में बहुउद्देशीय
सहकारी संस्थाओं का गठन करेगी। डॉ. यादव ने अवगत कराया कि प्रदेश में दुग्ध
उत्पादन बढ़ने से साँची दुग्धसंघ का उन्नयन होगा। साँची ब्रांड को और बेहतर बनाया जायेगा।
मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के बाद दुग्ध उत्पादन
में अग्रणी है। प्रदेश में प्रतिदिन साढ़े पांच करोड़ लीटर दुग्ध उत्पादन हो रहा है।
प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता के मामले में मध्यप्रदेश की स्थिति राष्ट्रीय औसत
से बेहतर है। जहां देश में प्रति व्यक्ति 459 ग्राम दूध
प्रतिदिन की उपलब्धता है वहीं मध्यप्रदेश में यह 644 ग्राम
है। अगले पांच वर्ष में प्रदेश का दुग्ध उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य है। इसके
लिए सहकारी आन्दोलन को मजबूत करने और किसानों एवं पशुपालकों को लाभान्वित करने की
दिशा में कार्य होगा। प्रदेश के करीब चालीस हजार ग्रामों में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने
के प्रयास किये जायेंगे। वर्तमान में 10 से 15 हजार ग्रामों में दुग्ध उत्पादन की स्थिति संतोषजनक है। शेष ग्रामों में
विभिन्न उपायों से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के प्रयास किए जाएंगे।
राष्ट्रीय डेयरी
विकास बोर्ड देश में दुग्ध सहकारिता के विस्तारीकरण, सुदृढ़ीकरण, दुग्ध उत्पादन, दुग्ध विपणन, तकनीकी सलाह, दुग्ध
प्रसंस्करण, पशु प्रजनन, पशुपालन से
संबंधित आधुनिकतम तकनीकी परामर्श इत्यादि कार्य करती है। मध्यप्रदेश में पशुपालन,
दुग्ध उत्पादन, दुग्ध एकत्रीकरण की क्षमता को
बढ़ाने व प्र-संस्करण एवं वितरण व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के उद्देश्य से राष्ट्रीय
डेयरी विकास बोर्ड के साथ हुई बैठक में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के द्वारा
सहयोग दिए जाने पर सहमति दी गई।
केंद्रीय गृह
मंत्री श्री शाह ने प्रदेश शासन के इस नवाचार की सराहना की और इस दिशा में पूरे
प्रदेश में काम करने का सुझाव दिया। श्री शाह ने सहकारिता क्षेत्र में किए जा रहे
प्रयासों में केंद्र सरकार द्वारा से हरसंभव सहायता देने का आश्वासन भी दिया।
मुख्यमंत्री डॉ.
यादव ने आशा व्यक्त की कि इस निर्णय से प्रदेश के दुग्ध-उत्पादक किसानों की
संपन्नता के साथ खाद्य प्र-संस्करण और कृषि आधारित उद्योगों को भी लाभ मिलेगा।
किसानों को कृषि आधारित उद्योगों के लिए न केवल कच्चे माल बल्कि उनके उत्पादो पर भी पूरी भागीदारी होगी।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री श्री शाह को मध्यप्रदेश में रोजगार और उद्योग को बढ़ावा
देने के लिए संभाग स्तर पर आयोजित किए जा रहे रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के बारे
में भी जानकारी दी।
मुख्यमंत्री डॉ.
यादव ने केंद्र सरकार द्वारा सोयाबीन की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर
उपार्जन किए जाने के निर्णय के लिए धन्यवाद भी ज्ञापित किया।
त्रि-पक्षीय एमओयू के मुख्य बिन्दु
राष्ट्रीय डेयरी
विकास बोर्ड, मध्यप्रदेश
पशुपालन और स्टेट डेयरी को-ऑपरेटिव फेडरेशन के बीच त्रि-पक्षीय समझौता हुआ।
डेयरी सहकारी
समितियों के माध्यम से सहकारी कवरेज का विस्तार किया जायेगा।
कृषक प्रशिक्षण
एवं सहकारी डेयरी कवरेज में वृद्धि के लिये सहकारिता अधिनियम के तहत पंजीकृत किसान
उत्पाद संगठनों, स्व-सहायता
समूहों और बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों(M-PACS) को शामिल करेंगे।
दुग्ध संकलन, परिवहन और प्र-संस्करण के विभिन्न चरणों में
गुणवत्ता सुधार करेंगे।
मौजूदा बुनियादी
ढाचे का इष्टतम उपयोग, संयंत्र प्रौद्योगिकी उन्नयन और एण्ड-टू-एण्ड डिजिटलीकरण करेंगे।
अन्य राज्यों
में विपणन और विदेशों में निर्यात के लिये नीतिगत सुझाव सहित दूध और दुग्ध
उत्पादों की बाजार में विपणन गतिविधियों का सुदृढ़ीकरण करेंगे।
मानव संसाधनों
की पद स्थापना एवं क्षमता निर्माण किया जायेगा। डेयरी सहकारी समितियों के लिये
चुनाव प्रक्रिया में सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाया जायेगा।
ग्वालियर और
जबलपुर का दुग्ध संघ का पुनरुत्थान एवं जबलपुर दुग्ध संघ के कार्यक्षेत्र के
पुनर्गठन और जबलुर संभाग के लिये पुनर्गठित जबलपुर दुग्ध संघ और शहडोल और रीवा
संभाग के लिये नये रीवा-शहडोल दुग्ध संघ की स्थापना के लिए नीतिगत सुझाव संबंधी
सहमति बनी।