रायपुर| मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उद्योगपति गौतम अडानी के मामले पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाया है। भेंट मुलाकात कार्यक्रम में मैनपाट जाने से ठीक पहले रायपुर में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि, गुरुवार को राज्यसभा में हमारे 70 प्लस उम्र के प्रधानमंत्री ने सीना ठोक कर बात की, मगर जो बात कहनी थी उस पर कोई चर्चा नहीं किए। मीडिया से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, देश जो सुनना चाहता है उस पर प्रधानमंत्री बात नहीं करते हैं। अडानी के बारे में एक शब्द उन्होंने नहीं कहा। एलआईसी के पैसे डूब रहे हैं, एसबीआई के पैसे फंसे हुए हैं। इसके बारे में प्रधानमंत्री ने एक भी शब्द नहीं कहा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आगे कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीना ठोककर बात की, अच्छा लग रहा था, 70 प्लस होने के बाद भी दमखम बाकी है । लेकिन सवाल इस बात का है कि देश जो सुनना चाहता है वह बात नहीं की, आखिर अडानी दूसरे नंबर से खिसक कर 23वें नंबर पर कैसे पहुंच गए, और जो 609 नंबर से दूसरे नंबर पर कैसे पहुंच गए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि अडानी को समृद्ध बनाने के लिए देश में आईटी और सीबीआई का गलत इस्तेमाल हुआ। जिन जगहों पर ईडी और आईटी की रेट पड़ी वहां की संपत्तियों को अडानी ने खरीद लिया। भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मित्र को समृद्ध बनाने के लिए ऐसा किया। राजभवन के नोटिस और आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल जी का मैं सम्मान करता हूं, लेकिन राज्य के लोगों के हित की बात है खासकर नौजवानों के हित की बात है क्योंकि आरक्षण का लाभ इसी वर्ग को मिलना है। चाहे एसटी हो एससी हो चाहे ओबीसी हो या ईडब्ल्यूएस। राजभवन पर सवाल उठाते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि, भारतीय जनता पार्टी के हाथों में खेल रहा है राजभवन। जोकि दुर्भाग्य जनक है। यदि विधानसभा में जो बिल पारित हो या तो उसे लौटा दे या तो उस पर हस्ताक्षर करें या अनंत काल के लिए अपने पास रखें इसी बात को मैंने बार-बार कहा । क्योंकि राज्यपाल संवैधानिक प्रमुख हैं इसलिए उनके निर्णय की उम्मीद की जाती है