रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य ने रोजगार सृजन के मामले
में देश भर में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। हाल ही में जारी *Periodic
Labour Force Survey (PLFS)*की रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ ने देश में सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में पांचवां
स्थान प्राप्त किया है। राज्य में चल रहे रोजगार सृजन और विकास प्रयासों के कारण
छत्तीसगढ़ अब उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों को भी पीछे छोड़ चुका है, जो बेरोजगारी दर के मामले में राज्य की बड़ी सफलता को दर्शाता है।
ग़ौरतलब है कि राष्ट्रीय
नमूना सर्वेक्षण संगठन (NSSO) द्वारा
पीएलएफएस के लिए नमूना सर्वेक्षण और डेटा संग्रह का कार्य किया जाता है। जो कि
भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
रोजगार सृजन में छत्तीसगढ़ की
महत्वपूर्ण प्रगति
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में, छत्तीसगढ़ सरकार ने बेरोजगारी को कम करने और युवाओं को रोजगार के अवसर
प्रदान करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। सरकार ने हाल ही में पुलिस, स्वास्थ्य, पीएचई (सार्वजनिक स्वास्थ्य
अभियांत्रिकी) और पंचायत विभागों में 1,068 पदों पर भर्ती को
मंजूरी दी है। इन भर्तियों से राज्य में युवाओं को सरकारी नौकरियों में अवसर
मिलेंगे, जिससे राज्य की विभिन्न योजनाओं को ज़मीनी स्तर पर
प्रभावी ढंग से लागू करने में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री साय ने इस बात पर जोर
दिया है कि यह पहल राज्य के विकास को गति देने के साथ-साथ युवाओं के सपनों को नई
उड़ान देगी।
छत्तीसगढ़ सरकार ने खासतौर पर ग्रामीण और आदिवासी
क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित करने पर ध्यान केंद्रित किया है। सरकार ने स्वरोजगार
और कौशल विकास को प्रोत्साहन देने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं, ताकि गांव के युवाओं को अपने ही इलाके में काम करने का अवसर मिल सके और
उन्हें महानगरों की ओर पलायन न करना पड़े।
PLFS रिपोर्ट में अन्य राज्यों की स्थिति
*Periodic Labour Force Survey (PLFS)*की
रिपोर्ट ने देश भर के विभिन्न राज्यों में बेरोजगारी के आंकड़ों का भी खुलासा किया
है। इस रिपोर्ट के अनुसार, केरल में बेरोजगारी दर सबसे अधिक
रही, जहां 15-29 वर्ष की आयु वर्ग के
युवाओं में बेरोजगारी दर 29.9% दर्ज की गई। केरल में महिलाओं
में बेरोजगारी दर 47.1% और पुरुषों में 19.3% रही। इसके अलावा, लक्षद्वीप में बेरोजगारी दर सबसे
अधिक 36.2% दर्ज की गई, जिसके बाद
अंडमान और निकोबार द्वीप समूहमें यह दर 33.6% रही। इसके
विपरीत, छत्तीसगढ़ ने देश में सबसे कम बेरोजगारी दर वाले
राज्यों में पांचवां स्थान प्राप्त किया है, जो राज्य सरकार
की रोजगार सृजन नीतियों की सफलता का प्रतीक है।
शिक्षा और कौशल विकास पर जोर
छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षा और कौशल विकास को रोजगार
सृजन के महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में माना है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने
अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे युवाओं को तकनीकी और व्यावसायिक कौशल प्रदान
करने के लिए विशेष प्रयास करें, जिससे वे नए
उद्योगों में काम करने के लिए तैयार हो सकें। राज्य में कई कौशल विकास केंद्र खोले
गए हैं, जहां युवाओं को आधुनिक तकनीकों और कौशलों की शिक्षा
दी जा रही है, ताकि वे रोजगार के नए अवसरों का लाभ उठा सकें।
छत्तीसगढ़ का विकास और
प्रधानमंत्री मोदी का विज़न
छत्तीसगढ़ राज्य, जो कि पहले से ही
अपने प्राकृतिक संसाधनों और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है, अब रोजगार सृजन और विकास के क्षेत्र में भी देश के अग्रणी राज्यों में
शामिल हो रहा है। राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' के विजन को भी साकार कर रहे हैं।
स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के जरिए सरकार ने राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास
को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जिस प्रकार देश के हर कोने में
विकास और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है, छत्तीसगढ़ सरकार उसी दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री
विष्णुदेव साय ने इस दिशा में प्रदेश के प्रत्येक गांव में रोजगार सृजन की योजनाओं
का विस्तार करने का संकल्प लिया है, ताकि राज्य का हर युवा
आत्मनिर्भर बन सके और राज्य का विकास तेज़ी से हो सके।