रायपुर। कर्मचारी आंदोलन पर भाजपा के बयानबाजी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा की भाजपा कर्मचारियों के हितेषी हो ही नहीं सकती। जिस भाजपा की सरकार ने कर्मचारियों के ओल्ड पेंशन स्कीम को बंद किया कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं को खत्म किया है। मोदी सरकार सरकारी संस्था और सरकारी कंपनियों का निजीकरण कर रही है। वहां कार्यरत सरकारी कर्मचारियों को खदेड़ा जा रहा है। 15 साल के रमन भाजपा शासनकाल के दौरान छत्तीसगढ़ में भी अपने अधिकार की मांग करने वाले शासकीय कर्मचारियों शिक्षकों नर्सों के ऊपर लाठीचार्ज किया था उन्हें जेल में बंद किया था। भाजपा आज अपने कर्मचारी विरोधी कृत्यों पर पर्दा करने छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों के हड़ताल पर घड़ियाली आंसू बहा रही है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार कर्मचारियों के हित के प्रति संवेदनशील है और गंभीर है। कर्मचारियों कि महंगाई भत्ता पर संवेदनशीलता के साथ विचार करते हुए 6 परसेंट की बढ़ोतरी किया गया है। उनके एचआरए और एरियर्स के विषय मे भी परीक्षण उपरांत कर्मचारियों के हित में फैसला लेने का आश्वासन भी दिया है। छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों को सप्ताह में 2 दिन अवकाश दिया जा रहे हैं। सरकार की बिजली बिल हाफ योजना बिल सहित अन्य योजनाओं का भी सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिल रहे हैं। रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों कि सुरक्षित भविष्य के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू किया गया है। जिसका 17000 करोड रुपए से अधिक की राशि मोदी सरकार वापस नहीं कर रही है। महामारी कॉल में भी कर्मचारियों के सातवें वेतनमान के बकाए का भुगतान किया गया। महामारी के दौरान भी कर्मचारियों के वेतन में कटौती नहीं किया गया शिक्षकों और शिक्षा कर्मियों के हितों में ध्यान रखते हुए 2 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने वाले छत्तीसगढ़ के सभी शिक्षाकर्मियों के संविलियन किया गया। प्रधान पाठक शिक्षक व्याख्याता के पद पर पदोन्नति के 5 वर्ष के अनुभव को एक बार शिथिल करते हुए घटाकर 3 वर्ष किया गया। अनुकंपा नियुक्ति के लंबित आवेदनों पर तत्काल कार्यवाही की गई। पूर्ववर्ती सरकार के द्वारा 10 प्रतिशत सीलिंग लगाया गया था उसे हटाया गया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा नेताओं को वास्तविक में कर्मचारियों की हित की चिंता है तो उन्हें अपने केंद्र सरकार से सबसे पहले महंगाई को खत्म करवाना आना चाहिए रसोई गैस, पेट्रोल डीजल के बढ़े दामों को कम करवाना चाहिए। दाल, चावल, आटा, दूध, दही, जूता-चप्पल, स्टेशनरी सामान सहित आवश्यक वस्तुओं पर लगाए गए। मोदी सरकार के द्वारा जीएसटी को खत्म कर आना चाहिए जिसके कारण देश में महंगाई बढ़ी है और उसी से पीड़ित कर्मचारी महंगाई भत्ता की मांग कर रहे हैं। जब महंगाई ही नहीं रहेगी स्वभाविक सी बातें कर्मचारी महंगाई भत्ता की मांग नहीं करेंगे। इससे स्पष्ट हो जाता है कि महंगाई के लिए मोदी भाजपा की सरकार ही जिम्मेदार है। मोदी राज में महंगाई रोज बढ़ रही है।