राजनांदगांव। छत्तीसगढ़
कांग्रेस में अंतर्कलह और लेटर बम का सिलसिला लगातार जारी है। कई कांग्रेसी नेता
सुरेंद्र दास के साथ उनके समर्थन में खड़े होते नजर आ रहे हैं। इसी कड़ी में प्रदेश
कांग्रेस कमिटी के पूर्व महामंत्री व अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य अरुण
सिसोदिया ने भी लेटर लिखकर पूर्व मुख्यमंत्री पर 5 करोड़
89 लाख रुपये षडयंत्र पूर्वक गबन करने का आरोप लगाया है।
शुक्रवार को अरुण सिसोदिया सुरेंद्र दास वैष्णव से मिलने राजनांदगांव भी पहुंचे।
अरुण सिसोदिया ने सुरेंद्र के घर जाकर मुलाकात की।
प्रदेश कांग्रेस कमिटी के पूर्व महामंत्री
और अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य अरुण सिसोदिया ने प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज
को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि, प्रदेश
कांग्रेस कमेटी में कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल द्वारा अपने मित्र और पूर्व
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनितिक सलाहकार विनोद वर्मा के बेटे की कंपनी टेसू
मीडिया लैब गाजियाचाद को 5 करोड 89 लाख
रुपए दिया गया। जिसकी जानकारी तब के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम व प्रभारी
महामंत्री को थी। जबकि कोषाध्यक्ष को कार्यादेश जारी करने अनुमति नहीं और पार्टी
बायलोज के अनुसार प्रदेश कार्यकारणी में प्रस्ताव लाकर पास करना आवश्यक है और
प्रदेश अध्यक्ष के नोट शीट एप्रूवल लिया जाना जरूरी है।
निजी लोगों को दिए पैसे
अरुण सिसोदिया ने कहा कि,
सुरेंद्र दाऊ कार्यकर्ता हैं उनके साथ जो बढ़ता हुआ एक सभा के दौरान
वह बिल्कुल अस्वीकार्य है। यदि कोई सभा में कोई नेता अपनी बात रखता है तो उसका
समाधान करना चाहिए। ना ही की उसमें व्यवधान उत्पन्न करना चाहिए और उनको परेशान
करना चाहिए। सुरेंद्र दास ने जो आरोप लगाया कि, वह आप नहीं
एक प्रकार से प्रमाण है। ब्लाक अध्यक्ष व जिला अध्यक्ष को 5-10 हजार मासिक सगठन के कार्य करने नहीं दिया गया पर अपने परिवार के लोगों को
एक कमरे में बैठकर कार्यादेश व गवाह निजी लोगों को बनाकर भुगतान कर दिया गया। साथ
ही जो रकम 10 लाख 6 लाख व 3 लाख यानि 19 लाख प्रति माह मुगतान किया गया वो
वर्तमान में 10 गुना है। यानि प्रति माह 20 लोगो की टीम 3 लाख में कार्य कर रही है जैसा की आपको
पूर्ण विदित है।
स्लीपर सेल वाले बयान से
हुआ मैं आहत
वही स्लीपर सेल के बयान पर उन्होंने
कहा कि, पूर्व सीएम की इतनी हल्की
टिप्पणी से मैं व्यथित हूं। एक पूर्व मुख्यमंत्री को इस तरीके के शब्दों का प्रयोग
ही नहीं करना चाहिए... रही बात स्लीपर सेल तो मैं फौजी आदमी स्लीपर सेल नहीं हो
सकता मैं भले सुसाइड बम खुद हो सकता हूं। लेकिन स्लीपर सेल नहीं हो सकता और न ही
सुरेंद्र दास हो सकता है। हम अपने आप पर बम बांधकर फट सकते हैं, अपनी पार्टी के लिए ये करने के लिए तैयार हैं। अगर स्लीपर सेल की बात आ
रही है तो उनके इर्द-गिर्द उनके बहुत सारे साथी पूरे प्रदेश में स्लीपर सेल बनकर
घूम रहे हैं और उन्हें नुकसान पहुंचा रहे हैं। यह नुकसान बहुत घातक है. इसलिए
प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय नेतृत्व से मेरा निवेदन ऐसे स्लीपर सेल जो उनके साथ
है उन्हें चिन्हित करके पार्टी से बाहर करें।