रायपुर। अडानी के घोटाले को संरक्षण देने वाली मोदी सरकार ने अडानी के समधी को भी घोटाला कर देश से भागने दिया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि अडानी का समधी जतिन मेहता 7000 करोड़ डकार कर देश से भाग गया तथा दूसरे देश की नागरिकता ले लिया। जतिन मेहता के तार मान्टेरोसा नाम की कंपनियों से जुड़े है। मान्टेरोसा समूह मारीशस स्थित शेल कंपनियों का मालिक है यह वही शेल कंपनियां है जिन्होंने अडानी समूह में पैसा लगाया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि जतिन मेहता की तीन कंपनियों - ’विनसम डायमंड्स एंड ज्वैलरी लिमिटेड’, ’फॉरएवर प्रेशियस ज्वैलरी एंड डायमंड्स लिमिटेड’ और ’सु-राज डायमंड्स’ ने पंजाब नेशनल बैंक सहित भारत के अन्य सरकारी बैंकों को 6,712 करोड़ का चूना लगाया और फिर मेहुल भाई और नीरव मोदी जैसे बाक़ी भगोड़ों के जैसे भाग खड़े हुए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि जतिन मेहता और उनकी पत्नी ने 2 जून, 2016 को भारतीय नागरिकता छोड़ दी और कैरेबियन में अंतर्राष्ट्रीय टैक्स हेवेन, सेंट किट्स और नेविस के नागरिकों के रूप में बस गए, जिनके साथ सरकार की कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है। फिलहाल यूके में अंतराष्ट्रीय बैंकों द्वारा जतिन मेहता पर केस चलाया जा रहा है, जिसका भारतीय जाँच एजेंसी और क़ानून प्रणाली से कोई लेना-देना नहीं है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि जतिन मेहता को कौन बचा रहा है? क्या राज़ है कि प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के परम मित्र - अडानी के समधी जतिन मेहता का कोई बाल भी बाँका नहीं कर पाया ? क्या कारण है कि जब जतिन मेहता और उनकी कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी को रोकने और कार्रवाई करने की बात आती है तो पूरी मोदी सरकार, सभी अधिकारियों सहित, सोई हुई पाई जाती है? जब से मोदी प्रधानमंत्री बने है देश का पैसा लेकर भागने वालो की पौ बारह हो गयी है। विजय माल्या, ललित मोदी, मेहुल चौकसे, नीरव मोदी के बाद जतिन मेहता नया नाम जुड़ गया।