तोक्यो। सोलोमन द्वीप के साथ चीन के हालिया समझौते से उपजी चिंता के बीच जापान सोमवार को इस दक्षिण प्रशांत राष्ट्र में अपने एक उप विदेश मंत्री को भेज रहा है। ऐसी आशंका है कि द्वीपीय राष्ट्र और चीन के बीच हुए समझौते से क्षेत्र में बीजिंग का सैन्य प्रभाव बढ़ सकता है।
उप विदेश मंत्री केंटारो उसुगी की सोलोमन द्वीप की तीन दिवसीय यात्रा एक वरिष्ठ अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की यात्रा की बाद हो रही है, जिन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि चीन के साथ सुरक्षा सौदा अमेरिका और सहयोगियों के हितों के लिए खतरा पैदा करता है तो वाशिंगटन दक्षिण प्रशांत राष्ट्र के खिलाफ अनिर्दिष्ट कार्रवाई करेगा।
चीन और सोलोमन ने पिछले सप्ताह सुरक्षा समझौते की पुष्टि की थी जिसने पड़ोसी देशों और जापान सहित पश्चिमी सहयोगियों को भी चिंतित कर दिया है जिन्हें इस क्षेत्र में एक सैन्य निमाज़्ण का डर है।
विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने कहा, हमारा मानना है कि यह समझौता पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है और हम इस घटनाक्रम को चिंता के साथ देख रहे हैं।
जापान विशेष रूप से जापान नियंत्रित सेनकाकू द्वीपों के पास पूर्वी चीन सागर में चीनी सैन्य और तट रक्षक गतिविधि के बारे में चिंतित है, जिस पर चीन भी दावा करता है और उसे डियाओयू कहता है।