रायपुर| छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र अगले महीने शुरू हो सकता है। एक-दो दिनों में उसकी अधिसूचना भी जारी हो जाएगी। संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया, उस सत्र में कई महत्वपूर्ण मामले आने है। अभी विधानसभा का दो दिन का विशेष सत्र चल रहा है। छत्तीसगढ़ में विधानसभा के सामान्य तौर पर तीन सत्र होते रहे हैं। यह मार्च-अप्रैल में बजट सत्र से शुरू होता है। जुलाई-अगस्त में आयोजित सत्र को मानसून सत्र और दिसम्बर-जनवरी में आयोजित सत्र को शीतकालीन सत्र कहा जाता है। इस साल आरक्षण संशोधन विधेयक पारित कराने की जल्दी में एक-दो दिसम्बर को विधानसभा का विशेष सत्र बुला लिया गया। उसमें सरकार अनुपूरक बजट को भी ले आई। इसकी वजह से आशंका पैदा हो गई थी कि सरकार संभवत: शीतकालीन सत्र नहीं बुलाएगी। गुरुवार को विशेष सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई। इसमें विपक्ष के नेताओं ने सवाल उठाए। कहा गया प्रदेश के कई मुद्दे हैं जिनपर विधानसभा के पटल पर चर्चा जरूरी है। बाद में सरकार ने आश्वस्त किया कि विधानसभा सत्र को टाला नहीं जाएगा। उच्च पदस्थ सूत्रों की माने तो विधानसभा का शीतकालीन सत्र पांच दिन का होगा। इसके लिए दो से छह फरवरी तक का समय तय हुआ है। दो-तीन दिसम्बर को इसकी अधिसूचना जारी हो जाएगी। उसके बाद से विधायकों से प्रश्न मंगाने का सिलसिला शुरू होगा। विधानसभा का पिछला शीतकालीन सत्र केवल तीन दिन का था। यह 13 दिसम्बर से 17 दिसम्बर तक होना था। लेकिन सरकारी काम पूरा होने के बाद 15 दिसम्बर को ही सत्र समापन की घोषणा कर दिया गया। संभावना जताई जा रही है कि विधानसभा का विशेष सत्र अभी चल रहे विशेष सत्र का विस्तार भी हो सकता है। विधानसभा की आधिकारिक वेबसाइट पर अभी तक इस सत्र को विशेष सत्र घोषित नहीं किया गया है। इसलिए संभव है कि दो दिसम्बर को स्थगित होने के बाद दोबारा इसी सत्र की बैठक 2 जनवरी को बुला ली जाए। हालांकि आरक्षण विधेयक के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए सरकार विशेष सत्र का उल्लेख किये जाने पर जोर दे सकती है।