रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में विपक्ष के तीखे तेवर लगातार देखने को मिल रहे हैं। विपक्ष ने शून्यकाल में चिटफंड कंपनी में डूबे पैसे का मामला उठाते हुए सदन में स्थगन प्रस्ताव लाया। आसंदी ने विपक्ष के स्थगन को अस्वीकार कर दिया। इससे नाराज विपक्ष ने सदन में जमकर नारेबाजी की। इसके चलते सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि सहारा कंपनी के निवेशकों के तीन हजार करोड़ डूबे हैं। सरकार ने 40 करोड़ लौटाए और 00 करोड़ विज्ञापनों में खर्च कर दिए। हमारे स्थगन पर चर्चा की जाए। विपक्ष ने शून्यकाल में चिटफंड कंपनी में डूबे पैसे का मामला उठाते हुए सदन में स्थगन प्रस्ताव लाया। घोषणापत्र में पैसा वापस दिलाने का वादा भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि काफी लोगो का चिटफंड कंपनी में पैसा डूबा हुआ है। सरकार ने घोषणापत्र में पैसा वापस दिलाने का वादा किया था। अकेले सहारा में ३ हजार करोड़ डूबा है। इस विषय में स्थगन है इसको ग्रह करके चर्चा कराया जाए। सत्तापक्ष की रोका-टोकी पर व्यवस्था की मांग शून्यकाल में सत्ता पक्ष के विधायकों द्वारा रोका-टोकी करने पर विपक्ष ने जताई आपत्ति विपक्ष के विधायकों ने कहा कि बिना अनुमति के मंत्री और सत्ता पक्ष के विधायक बोल रहे हैं। इसमें व्यवस्था आनी चाहिए। अजय चंद्राकर ने कहा, आज की तारीख में जितनी कार्रवाई करनी है उतनी नहीं हो रही है। किसी को पैसा सरकार ने नहीं लौटाया। भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने कहा, धरमपुरा में सहारा की जमीन थी उसका क्या हुआ। निवेशक आज भी पैसे मिलने की उम्मीद लगाए हैं। विधायक रंजना साहू ने कहा, घोषणपत्र में सरकार ने वादा किया था लोग सरकार से आस लगाए बैठे हैं। स्थगन को स्वीकार करके चर्चा कराई जाए। विधायक रजनीश ने कहा, लोगों ने लाइन लगकर आवेदन दिया। लाखों निवेशक बहुत उम्मीद से सरकार को देख रहे हैं। हमारे स्थगन पर चर्चा हो,जिससे बहुत से तथ्य आयेंगे। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, सरकार ने लोगों को सब्जबाग दिखाए। साढ़े 4 सालों में सरकार ने चिटफंड कंपनियों की जमीनें बेचकर अपने लोगों को उपकृत किया लेकिन निवेशकों के हाथ कुछ नहीं आया।