August 04, 2024


रतलाम में मिला अवैध मदरसा, फर्श पर सोती मिली बच्चियां... नहीं थी कोई भी महिला कर्मचारी

रतलाम। बगैर मान्यता लिए चल रहे अवैध मदरसे में धार्मिक व स्कूली शिक्षा के नाम पर प्रदेश के कई जिलों से लाई गई बच्चियों को बेहद खराब हालात में रखा जा रहा है। यह गड़बड़ी तब उजागर हुई जब मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग सदस्य डॉ. निवेदिता शर्मा ने खाचरौद रोड स्थित दारुल उलूम आयशा सिद्धीका लिलबिनात का निरीक्षण किया।

यहां खुले फर्श पर करीब 30 से 35 बच्चियां सोती पाई गई। कमरे में बच्चों की सुविधा के लिए कोई इंतजाम नहीं मिले। करीब पांच वर्षीय एक बच्ची तो तेज बुखार से ग्रस्त मिली। इस पर डॉ. निवेदिता ने जमकर नाराजगी जाहिर की व कार्रवाई के निर्देश दिए।

पहले भी अवैध मदरसों के मामले सामने आए थे

रतलाम जिले में अवैध मदरसों में धार्मिक शिक्षा के नाम पर बच्चों को रखे जाने के मामले पहले भी सामने आए हैं। निरीक्षण के दौरान पता चला कि यह मदरसा महाराष्ट्र के जामिया इस्‍लामिया इशाअतुल उलूम अक्‍कलकुआसे संबंधित है।

दल ने वहां पाया कि मदरसे में करीब 100 बच्चियों को रखा गया है, जिनमें से आधे से अधिक का नाम किसी अन्य शासकीय स्कूल में दर्ज है। मदरसे परिसर में ही 10वीं कक्षा तक का स्कूल भी संचालित है, जिसकी सोसायटी का पंजीयन वर्ष 2012 में हुआ था, लेकिन मान्यता 2019 में ली गई।

मदरसे के अंदर साफ सफाई की कमी दिखी, इसके साथ ही दो बच्चियां ऐसी भी मिली जिनके माता-पिता नहीं है। ये बच्चे मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना में भी पंजीकृत नहीं पाए गए।

हर जगह कैमरा, डरी सहमी दिखी बच्चियां

निरीक्षण के दौरान बच्चियों के कमरे में सीसीटीवी कैमरे लगे होने पर डॉ. शर्मा ने कहा कि बच्चियों की निजता का ध्यान भी नहीं रखा जा रहा है। सभी डरी सहमी सी दिखाई दी।

मध्य प्रदेश के भोपाल, धार, बड़वानी, रतलाम, झाबुआ, इंदौर व कुछ बच्चे राजस्थान के भी थे। आयोग ने अब सभी बच्चियों की जानकारी मांगी है। गंभीर बात यह है कि मदरसे में कोई भी महिला कर्मचारी नहीं मिली। अधिकांश जगह कमरों में अंधेरा ही था।

आवासीय मदरसे को नहीं मिलती है मान्यता

निरीक्षण के दौरान संचालकों ने मान्यता के दस्तावेज नहीं दिखाए और बाद में माना कि उनके द्वारा मान्यता नहीं ली गई है। दरअसल मप्र मदरसा बोर्ड भी आवासीय मदरसे को मान्यता नहीं देता है। मान्यता नहीं होने पर मदरसा संचालन के लिए शासन से कोई अनुदान मिलना भी संभव नहीं है। ऐसे में संचालन को लेकर आय-व्यय की स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। मदरसे में कार्यरत कर्मचारियों की सूची, पुलिस वैरिफिकेशन की जानकारी नहीं मिली।


Related Post

Archives

Advertisement







Trending News

Archives