रायपुर : कृषि प्रधान छत्तीसगढ़ राज्य के लिए आज का दिन सदैव अविस्मरणीय रहेगा। आज
छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी कृषक उन्नति योजना का शुभारंभ जिला मुख्यालय बालोद
स्थित सरयू प्रसाद अग्रवाल स्टेडियम में हजारों किसानों एवं ग्रामीणों की मौजूदगी
में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के हाथों हुआ। उन्होंने इस कार्यक्रम में
राज्य के 24 लाख 72
हजार किसानों को योजना के तहत 13 हजार 320
करोड़ रूपए की आदान सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में अंतरित की।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव राजनांदगांव में आयोजित
समारोह में शामिल हुए और बालोद में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को भी उन्होंने
सम्बोधित किया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज वह शुभ दिन
है, जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी को पूरा
करते हुए कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत किसान भाइयों के बैंक खातों में 13 हजार 320 करोड़ रुपए की आदान सहायता राशि का अंतरण
किया जा रहा है।
आज के कार्यक्रम में 24 लाख 75 हजार से
अधिक किसानों के खातों में राशि भेजी जा रही है। इनमें से 24 लाख 72 हजार वे किसान हैं, जिन्होंने
इस साल धान बेचा था। उन्हें 13 हजार 289 करोड़ रुपए के अंतर की राशि का भुगतान किया गया है। इसी तरह 02 हजार 829 धान बीज उत्पादक किसानों को भी बीज निगम के
माध्यम से अंतर राशि, 31 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया
जा रहा है।
राज्य स्तरीय समारोह में वर्चुअली जुड़ने
पर मुख्यमंत्री श्री साय ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव एवं
छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ रमन सिंह को धन्यवाद दिया।
श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार ने किसान भाइयों से
किए गए वादे के अनुरूप अटल जी के जन्मदिन, सुशासन दिवस के
अवसर पर 2 साल के बकाया धान बोनस 3716 करोड़
रुपए का अंतरण भी किसान भाइयों के खातों में कर दिया है। 13 लाख
से ज्यादा किसानों को बोनस का लाभ मिला है।
मोदी जी ने गारंटी दी थी कि छत्तीसगढ़ में
सरकार बनने पर गरीबों के लिए 18 लाख आवासों का निर्माण किया जाएगा। सरकार बनने के दूसरे ही दिन हमने
कैबिनेट की बैठक में इस बारे में निर्णय ले लिया है, अप्रैल
माह से तीव्र गति से मकान बनने शुरू होंगे।
मोदी जी ने महिलाओं को महतारी वंदन योजना
शुरू करने की गारंटी दी थी। यह योजना भी शुरू हो चुकी है। परसों 10 मार्च को माननीय प्रधानमंत्री जी के
करकमलों से राज्य की 70 लाख से अधिक माताओं और बहनों के बैंक
खातों में 655 करोड़ रुपए की राशि अंतरित कर दी गई है।
श्री साय ने कहा की मोदी जी ने वनवासी
भाइयों से वादा किया था कि तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 4000 रुपए मानक बोरा से बढ़ाकर 5500
रुपए कर देंगे। आज से ही इस योजना की भी शुरूआत हो जाएगी। उन्होंने
कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी जी ने जो दायित्व सौंपे हैं।
उन्हें हम हर हाल में पूरा करेंगे।
वर्चुअल माध्यम से जुड़े मध्य प्रदेश के
मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव ने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में देश चहंुमुखी विकास
कर रहा है। मोदी जी हर विभाग के लिए जनता के हित में बहुत पैसे दे रहे हैं, इन पैसों को खर्च करने में हमारे पसीने
छूट जाते हैं।
छत्तीसगढ़ का विकास अब जेट गति से आगे
जाएगा। छत्तीसगढ़ की जनता ने अच्छे-अच्छे गणित फेल कर दिए। छत्तीसगढ़ में नई सरकार
के गठन को महज तीन महिने हुए हैं, इन तीन महिनों में विकास को काम बहुत आगे बढ़ा है। ऐसा लग रहा है मानो
छत्तीसगढ़ में धन की बरसात हो रही है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र
मोदी ने छत्तीसगढ़ के किसानों से 3100 रूपए क्विंटल की दर से धान खरीदी की गारंटी दी थी। इस गारंटी को पूरा करने
के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की कृषक उन्नति योजना की आज बालोद से प्रदेशव्यापी शुरूआत
हुई। इस योजना के तहत किसानों को आदान सहायता राशि का अंतरण उनके बैंक खातों में
करने के लिए राज्य के सभी जिला मुख्यालयों सहित विकासखण्ड मुख्यालयों में भी
कार्यक्रम आयोजित हुए।
किसान हितैषी मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव
साय की सरकार द्वारा राज्य में किसानों से अपने वायदे के मुताबिक प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी करने के साथ ही
दो साल के धान के बकाया बोनस की राशि 3 हजार 716 करोड़ का भुगतान भी किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में खेती-किसानी
और किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। कृषि के क्षेत्र में सम्पन्नता से ही छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी
और विकसित राज्य बनाने का सपना साकार होगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीेसगढ़ सरकार द्वारा कृषि के
बजट में 33 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
कृषक उन्नति योजना के माध्यम से राज्य के
किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान में 19257 रूपए प्रति एकड़ आदान सहायता राशि दी जा रही है।
किसानों को धान के प्रति क्विंटल के मान से भुगतान की जा रही यह राशि देश में
सर्वाधिक है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इस साल के बजट में 10 हजार
करोड़ और पिछले साल के अनुपूरक बजट में 3 हजार करोड़ इस प्रकार
कुल 13 हजार करोड़ रूपए की व्यवस्था की गई है।