भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ.
मोहन यादव ने कहा है कि स्वदेशी सेटेलाइट के बहुआयामी उपयोग में स्थानीय स्तर पर सहभागिता
को प्रोत्साहित करने से विकास प्रक्रिया को गति मिलेगी। अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़ी
तकनीक का क्रियान्वयन सुनिश्चित करते हुए प्रदेशवासियों के जीवन को बेहतर बनाने और
विकास की प्रक्रिया में जिओ स्पेशियल टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ाने के लिए राज्य में
हर स्तर पर गतिविधियां संचालित की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अटल बिहारी वाजपेयी
सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में जिओ स्पेशियल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में महिलाओं
के क्षमता संवर्धन के लिए आयोजित संगोष्ठी के अवसर पर यह बात कही। मुख्यमंत्री डॉ.
यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 23 अगस्त को "टचिंग लाइव्स व्हाइल टचिंग द मून" शीर्षक
से यह संगोष्ठी राज्य शासन द्वारा इसरो, राष्ट्रीय महिला आयोग,
रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी और अर्थसाइट फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित की
गई। संगोष्ठी में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सचिव सुश्री मीनाक्षी नेगी,
राम भाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के उपाध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे,
भोपाल की महापौर श्रीमती मालती राय उपस्थित थीं। राष्ट्रीय महिला आयोग
की सदस्य सचिव सुश्री नेगी ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का महिला आयोग की गतिविधियों पर
केंद्रित डिजीटल बुक भेंट की। कार्यक्रम में सुशासन संस्थान के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी
अधिकारी श्री लोकेश शर्मा भी उपस्थित थे।
पंचांग पद्धति की सटीकता भारतीय खगोल शास्त्र की विश्वसनीयता को दर्शाती है
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी
क्षेत्रों में महिलाओं को उन्नति के अवसर उपलब्ध कराने में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र
मोदी का विशेष योगदान है। देश में महिलाएं सार्वजनिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने
के साथ-साथ अंतरिक्ष विज्ञान जैसे विशिष्ट के क्षेत्र में भी उपलब्धियां अर्जित कर
रही हैं। कोविड काल में वैक्सीन बनाने तथा स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन में महिलाओं
की महत्वपूर्ण भूमिका रही। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा में
खगोल शास्त्र का विशेष स्थान रहा है। प्राचीन भारतीय ग्रंथों में ग्रहों और उपग्रहों
का उल्लेख तथा इस संबंध में विभिन्न अवधाराणाएं इस तथ्य का परिचायक हैं। भारतीय पंचांग
पद्धति में तिथियों की विस्तृत व्याख्या और सटीकता भी भारतीय खगोल शास्त्र की विश्वसनीय़ता
को दर्शाती हैं।
जनप्रतिनिधियों के लिए सहायक होगी जियो स्पेशियल तकनीक
राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य
सचिव सुश्री मीनाक्षी नेगी ने कहा कि जिओ स्पेशियल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में
क्षमता संवर्धन से जनप्रतिनिधियों के लिए विकास गतिविधियों के संबंध में निर्णय
लेना सुगम होगा। इस तकनीक से विकास गतिविधियों में अधिक पारदर्शिता और गति आएगी।
प्रबोधिनी के उपाध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस
की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जियो स्पेशियल तकनीक के क्षेत्र में दक्षता संवर्धन
के लिए भारत सरकार द्वारा महत्वाकांक्षी कार्यक्रम आरंभ किया गया है। इससे
जनप्रतिनिधियों को वास्तविक स्थिति के अनुसार निर्णय लेने और योजना क्रियान्वयन के
बेहतर अनुवेक्षण में सहायता मिलेगी।
स्पेस टेक्नोलॉजी तेजी से जीवन का अभिन्न अंग बनती जा रही है
कार्यक्रम में बताया गया कि कि
गत वर्ष 23 अगस्त को
चंद्रयान-2 की चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग के उपलक्ष में
प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा 23 अगस्त को राष्ट्रीय
अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाने का आव्हान किया गया था। स्पेस टेक्नोलॉजी तेजी से
जीवन का अभिन्न अंग बनती जा रही है। इसके उपयोग से दैनिक जीवन सुगम हो रहा है। साथ
ही कृषि, वन, मत्स्य, जल संसाधन सहित विकास के सभी क्षेत्रों का प्रबंधन भी अधिक पारदर्शी और
जनोन्मुखी तरीके से किया जा सकता है। स्थानीय स्तर पर विकास योजनाओं के
क्रियान्वयन में महिला जनप्रतिनिधियों को अधिक दक्ष व प्रभावी बनाने के उद्देश्य
से सेटेलाइट टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में क्षमता संवर्धन के लिए कार्यशाला में
विस्तार से चर्चा हुई।