मध्यप्रदेश में नौकरशाह उड़ा रहे है सरकार के नियमो की धज्जिया
०० कम आय दिखाकर सरकारी योजना का लाभ ले रहे है पुलिस के कर्मचारी
मध्यप्रदेश/धार| मध्यप्रदेश में सरकारी नौकर शाह भी सरकार की कई नियमो की धज्जिया उदा रहे है, सरकारी नौकरी होने के बावजूद भी कई सरकारी कर्मचारी स्कालरशिप जैसी योजना का लाभ उठा रहे हैजो कि विधि सम्मत नहीं ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमे ट्रैफिक पुलिस के एस.आई की पोस्ट में कार्यरत चुन्नीलाल परमार कई सालो से पुलिस विभाग में कार्यरत रहे और 2016 में रिटायर हो गए लेकिन पूर्व एस आई चुन्नीलाल परमार की 2011 की सालाना आय केवल 36 हज़ार बतायी गयी है वही 2012 में आय मात्र 40 हज़ार दिखाई गयी है सबसे बड़ा प्रश्न चिन्ह यही लगता है कि एक एस आई के पोस्ट में कार्यरत व्यक्ति की सालाना आय इतनी कम कैसे हो सकती है|
एसआई के पद पर कार्यरत होते हुए स्कालरशिप जैसी योजनाओ का लाभ उठाकर सरकार की नीतियों में पलीता लगाया जा रहा था वाही चुन्नीलाल परमार और भी कई बार मिडिया की सुर्खियों में रहे है| जुलाई वर्ष 2014 म भी यह ड्रीम लैंड चौक पर बस क्र.एमपी-09 ऍफ़ए 4395 के चालक राजा खान व परिचालक संदीप के साथ यातायात प्रभारी रहे चुन्नीलाल परमार ने बस सड़क पर कड़ी करने से मना करते हुए मारपीट की थी ऐसे ही पुलिस वाले है जो खाकी का रौब दिखाकर या तो आम जनता को परेशान करते है या फिर सरकार की नीतियों में पलीता लगाते है| मोदी सरकार के आने के बाद ये उम्मीद जगी थी कि भ्रष्टाचार कम होगा लेकिन शायद आमजनता के लिए अच्छे दिन का वादा करने वाली भाजपा सरकार ने नौकरशाहो के काले कारनामो और जनता के प्रति उनके दुराचारो पर रोक नहीं लगायी तो वर्ष 2018 में होने वाले विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश का नजारा तो कुछ और ही होगा|